Header Ads

मंत्री के भाई के ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र पर उठे सवाल, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री के भाई की अल्प आय वर्ग कोटे में नियुक्ति का मामला गरमाया, पढ़ें कुछ महत्वपूर्ण तथ्य व लेखा-जोखा

 मंत्री के भाई के ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र पर उठे सवाल, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री के भाई की अल्प आय वर्ग कोटे में नियुक्ति का मामला गरमाया, पढ़ें कुछ महत्वपूर्ण तथ्य व लेखा-जोखा

सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी के भाई डा. अरुण कुमार के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय (सिविवि) में आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे से एसोसिएट प्रोफेसर बनने का मामला गरमा गया है। नियुक्ति पर सवाल उठने के साथ अब मंत्री के भाई के लिए कमजोर आय वर्ग का हैसियत प्रमाण पत्र जारी होने पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं, चर्चा है कि शिकायत मिलने के बाद कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी तलब की है। हालांकि, राजभवन ने शिकायत मिलने और सिविवि प्रशासन ने जानकारी मांगे जाने से इन्कार किया है।


बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डा. संदीप द्विवेदी इटवा तहसील के शनिचरा गांव के निवासी हैं। वह चार भाई हैं। पिता की आठ वर्ष पूर्व मृत्यु चुकी है। परिवार की मुखिया मां हैं और चारों भाइयों का परिवार संयुक्त है। परिवार के पास 36 बीघा पैतृक खेत बताया जा रहा है। डा. सतीश द्विवेदी प्रदेश सरकार में मंत्री होने के साथ सिद्धार्थनगर के नौगढ़ स्थित बुद्ध विद्यापीठ डिग्री कालेज में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता हैं। दूसरे नंबर के भाई अष्टभुजा द्विवेदी गांव में रहकर खेती-बाड़ी देखते हैं। डा. अरुण तीसरे नंबर के हैं और वनस्थली विद्यापीठ में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। सबसे छोटे भाई अनिल द्विवेदी परिषदीय शिक्षक हैं। गांव में पक्का मकान है। डा. अरुण की शादी नवंबर, 2020 में कानपुर की डा. विदुषी से हुई, जो मोतिहारी में डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के एमएस कालेज के समाजशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। वह वर्ष 2017 में बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित हुई थीं। यह उनकी पहली तैनाती है। उनका वेतन 55-60 हजार रुपये प्रतिमाह है।

एक वर्ष के लिए मान्य होता है हैसियत प्रमाणपत्र : डा. अरुण का ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र 2019 में जारी हुआ था। हैसियत प्रमाणपत्र के लिए रिपोर्ट लगाने वाले लेखपाल छोटई प्रसाद ने कहा कि उन्होंने तो 2019 में रिपोर्ट लगाई थी। प्रमाणपत्र एक वर्ष के लिए ही मान्य होता है।

राजभवन को नहीं मिली शिकायत

आरटीआइ एक्टिविस्ट डा. नूतन ठाकुर ने डा. अरुण के वनस्थली विद्यापीठ में असिस्टेंट प्रोफेसर होने के बावजूद ईडब्ल्यूएस कोटे से नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए राज्यपाल को शिकायत भेजी है। वहीं, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता का कहना है कि इस संबंध में राजभवन को अभी कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है।

शैक्षिक अवार्ड में दूसरे, इंटरव्यू में पहले स्थान पर रहे डा. अरुण

डा. अरुण शैक्षिक अवार्ड में दूसरे स्थान पर थे। इंटरव्यू के बाद पहले स्थान पर आ गए। विश्वविद्यालय ने दो पदों के लिए आए 150 आवेदन की स्क्रीनिंग कर 10 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया था। शैक्षिक अवार्ड में 81 अंक लेकर डा. राजेश कुमार ओझा प्रथम रहे थे। डा. अरुण के 80 अंक थे। छह सदस्यीय साक्षात्कार बोर्ड के सामने नौ अभ्यर्थी उपस्थित हुए थे।

लेखा-जोखा

’>>मंत्री और डा. अरुण द्विवेदी समेत चारों भाइयों का परिवार संयुक्त, पत्नी बिहार में सहायक प्रोफेसर

’>>एक भाई की देखरेख में है संयुक्त परिवार की 36 बीघा कृषि भूमि, एक भाई हैं परिषदीय शिक्षक

कोई टिप्पणी नहीं