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माध्यमिक स्तर तक अनिवार्य हो संस्कृत : राज्यपाल

माध्यमिक स्तर तक अनिवार्य हो संस्कृत : राज्यपाल

लखनऊ : माध्यमिक स्तर तक देव भाषा संस्कृत को अनिवार्य होना चाहिए, लेकिन यह भी जरूरी है कि नई शिक्षा नीति के तहत इसमें ई-कंटेंट निर्माण, शिक्षण कला और कौशल संपादन पर जोर दिया जाए। नई शिक्षा नीति संस्कृत के विकास के साथ ही रोजगार के अवसर देने का काम अवश्य करेगी। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने रविवार को उप्र संस्कृत संस्थानम, उप्र उच्च शिक्षा परिषद और संस्कृत भारती की ओर से जूम एप के माध्यम से आयोजित अंतरराष्ट्रीय चर्चा में बतौर मुख्य अतिथि ये विचार व्यक्त किए।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं संस्कृत के संदर्भ में आयोजित चर्चा की अध्यक्षता उप्र उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने की। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षण को उपयोगी बनाने, दूसरे विषयों से जोड़ने की आवश्यकता है। मुख्य वक्ता शिक्षा मंत्रलय के वरिष्ठ भाषा परामर्शदाता एवं संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के न्यासी सचिव पद्मश्री चमूकृष्ण शास्त्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में संस्कृत को तकनीक से जोड़ने की तैयारी है। उप्र संस्कृत संस्थानम के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल पर इसे जन भाषा बनाने का कार्य चल रहा है। चर्चा में संस्कृत भारती के शास्त्र रक्षा प्रकल्प के प्रमुख डॉ. संजीव राय, डॉ. अशोक दुबे, डॉ. ललित गौड़, उपेंद्र त्रिपाठी, उमेश कुमार, जितेंद्र कुमार, पवन कुमार, डॉ. शोभन लाल उकिल, प्रो. कृष्णकांत शर्मा आदि शामिल हुए।

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